कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में महिला प्रशिक्षु डॉक्टर के साथ हुई हैवानियत की घटना को लेकर पूरे देश में आक्रोश है। वहीं, बर्बर घटना के बाद अस्पताल में भीड़ के हमले और तोड़फोड़ ने भी बड़े सवाल खड़े कर दिए हैं। इस मामले में एक आरोपी को गिरफ्तार किया गया है।
वहीं, पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार की भी जमकर आलोचना हो रही है। टीएमसी के अंदर भी इस मामले को लेकर विरोध के स्वर मुखर होने लगे हैं। दुष्कर्म और हत्या की बर्बर घटना को लेकर पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंदबोस भी एक्शन मोड में हैं।
राज्यपाल मंगलवार को गृह मंत्री अमित शाह और राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात करने दिल्ली पहुंचे हैं। उन्होंने उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ से भी मुलाकात की। ऐसे में पश्चिम बंगाल में राष्ट्रपति शासन की अटकलें भी तेज हो गई हैं।
आपातकाल पर राज्यपाल ने क्या कहा
अब सबकी निगाहें इस बात पर रहेंगी कि राज्यपाल सीवी आनंदबोस क्या रिपोर्ट देते हैं। उन्होंने कहा है कि मामले को लेकर राज्य सरकार से तीन रिपोर्ट मांगी गई थीं। हालांकि, अभी तक सिर्फ एक रिपोर्ट ही मिली है।
उन्होंने कहा कि यह मामला पूरे समाज के लिए कलंक है और लोग सड़कों पर उतर आए हैं। समाज डरा हुआ है और सरकार इसे संभाल नहीं पा रही है। भाजपा पश्चिम बंगाल में राष्ट्रपति शासन की मांग कर रही है।
जब राज्यपाल से इस बारे में सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि मांग तो मांग होती है। जो भी फैसला लिया जाएगा, सोच-समझकर और राज्य के हित में लिया जाएगा।
इस बर्बर घटना पर आज सुप्रीम कोर्ट की तीन सदस्यीय पीठ भी सुनवाई करने जा रही है। सुप्रीम कोर्ट ने घटना का स्वत: संज्ञान लिया है। सुप्रीम कोर्ट में तीन पत्र याचिकाएं दायर की गई हैं, जिसमें सीजेआई से मामले का स्वत: संज्ञान लेने और जरूरी आदेश देने की मांग की गई है।
आपको बता दें कि मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष पर भी सीबीआई का शिकंजा कस रहा है। उनके खिलाफ भ्रष्टाचार का मामला दर्ज किया गया है।
सीबीआई ने संदीप घोष से तीन दिनों तक पूछताछ की। यह भी आरोप है कि घटना के बाद उन्होंने कर्मचारियों के साथ बैठक की और किसी तरह घटना को छिपाने की योजना बनाई।
इस मामले में अब तक क्या हुआ?
कोलकाता के सरकारी आरजी कर मेडिकल कॉलेज के सेमिनार हॉल में एक महिला डॉक्टर के साथ दुष्कर्म और फिर उसकी हत्या कर दी गई। इस मामले में आरोपी संजय रॉय, जो ट्रैफिक पुलिस का वॉलंटियर था, को गिरफ्तार कर लिया गया।
आरोपी का दो दिनों तक मनोवैज्ञानिक परीक्षण भी किया गया। जब पुलिस केस नहीं संभाल पाई तो केस सीबीआई को सौंप दिया गया और हाथरस केस की जांच कर रहे अधिकारियों को इसकी जिम्मेदारी दी गई है।
सीबीआई अब तक 20 से ज्यादा लोगों से पूछताछ कर चुकी है। अस्पताल के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष से 36 घंटे तक पूछताछ की गई। उन्होंने घटना के तुरंत बाद अपने पद से इस्तीफा दे दिया था।
आरजी अस्पताल में निषेधाज्ञा लगा दी गई है। मामले को लेकर पूरे देश में गुस्सा है और डॉक्टर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। कई जगहों पर ओपीडी बंद हैं। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) ने सरकार से डॉक्टरों की सुरक्षा सुनिश्चित करने समेत पांच मांगें रखी हैं।