SIM Card New Rule: सिम कार्ड धारकों के लिए बुरी खबर, TRAI ने जारी कर दिए नए नियम, अब नहीं चलेगी मनमानी

SIM Card New Rule: सिम कार्ड धारकों के लिए बुरी खबर, TRAI ने जारी कर दिए नए नियम, अब नहीं चलेगी मनमानी: आप लोग भी यदि मोबाइल पर ग्राहक है और सिम कार्ड का इस्तेमाल करते हैं तो आपको सावधान रहने की आवश्यकता है क्योंकि टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया यानी कि TRAI ने सिम कार्ड को लेकर एक बड़ा बदलाव करने का ऐलान भी कर दिया है जिसे 1 जुलाई 2024 से लागू कर दिया जाएगा, यह नियम खास उन लोगों के लिए भी है जो भारत में सिम कार्ड का उपयोग कर रहे हैं.

अब ऐसे में ट्राई के द्वारा जारी किए गए नए नियमों का पालन करना हर किसी ग्राहक के लिए अनिवार्य हो जाएगा अब सरकार के द्वारा यह फैसला तेजी से बढ़ रही फ्रॉड की घटनाओं पर लगाव लगाने के लिए लिया जा रहा है यदि आपने हाल फिलहाल में कोई भी नया सिम कार्ड को स्वेप करवाया है या फिर ऐसा करने का कोई भी प्लान तैयार कर रहे हैं तो आप लोगों को इन बातों को ध्यान में अवश्य रखना होगा।

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अब अपने नंबर को नहीं करवा पाएंगे पोर्ट

जारी हो रही नए नियम के अनुसार सिम स्वैप करने के बाद ग्राहक अपना मोबाइल नंबर भी दूसरी कंपनी में पोर्ट नहीं करवा पाएंगे जिसका मतलब तो यह होता है कि यह अपने नंबर को किसी अन्य टेलीकॉम कंपनी में स्विच बिल्कुल भी नहीं कर सकते हैं यह सब सुनिश्चित करने के लिए यह नियम ग्राहक को साइबर फ्रॉड से बचाने में मदद भी साबित करेगा।

वही साइबर फ्रॉड के मामले में स्कैमर बार-बार सिम कार्ड बदलने यानी कि स्वॅपिंग का उपयोग करके यूजर्स को ठगते रहते हैं सिम स्वॅपिंग के बाद यूजर्स के सभी कॉल मैसेज और ओटीपी दूसरे फोन नंबर पर प्राप्त होने लग जाते हैं जिससे उनको धोखा हो सकता है.

ग्राहक को इन सभी नियमों का पालन करने के लिए काफी ज्यादा सतर्क रहने की आवश्यकता है और अपने सिम कार्ड को सुरक्षित रखने के लिए अत्यंत पूर्ण जिम्मेदारी से कदम उठाने चाहिए।

आखिर कैसे होती है सिम स्वॅपिंग?

आसान शब्दों में समझें तो सिम स्वैपिंग का सीधा सा मतलब है डुप्लीकेट सिम निकलवाना। धोखाधड़ी के इस तरीके में साइबर अपराधियों को यूजर का डुप्लीकेट सिम मिल जाता है। उपयोगकर्ता के मोबाइल नंबर के साथ एक नया सिम पंजीकृत किया जाता है।

इसके बाद यूजर के पास मौजूद सिम बंद हो जाती है और ठग दूसरा सिम निकलवा लेते हैं और यहीं से खेल शुरू हो जाता है। जालसाज उस डुप्लीकेट सिम का इस्तेमाल अपने डिवाइस में करते हैं।

जालसाज यूजर के नंबर पर आने वाले कॉल, मैसेज और ओटीपी तक पहुंच हासिल कर लेते हैं। यहां से जालसाज बैंकिंग फ्रॉड करने के साथ-साथ कई तरह की निजी जानकारियां भी हासिल कर लेते हैं।

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