फिर बिगड़े जावेद अख्तर के बोल, बोले- हिंदू जलते हैं अगर हम चार बीवियां रखते हैं, दो शादी करने वाले हिंदू ज्यादा: यूनिफॉर्म सिविल कोड की चर्चा इस समय देशभर में हो रहे हैं लेकिन इस बीच जावेद अख्तर भी काफी चर्चा में आ गए हैं क्योंकि उनका तो कहना है कि वह यूनिफॉर्म सिविल कोड के पक्षधर है साथ ही रियल जिंदगी में इसे फॉलो भी करते हैं. वहीं दूसरी ओर जावेद अख्तर यह भी कहते हैं कि कई लोग मुसलमानों से द्वेष होने के चलते यूनिफॉर्म सिविल कोड को लेकर आना चाहते हैं जो की बिल्कुल भी ठीक नहीं है यह बातें जावेद अख्तर ने एक पॉडकास्ट के दौरान कही है और इस बातचीत में उन्होंने सड़क पर नमाज पढ़ने वाले लोगों को भी बातचीत की है.
हमेशा ही जावेद अख्तर अपने दिल की बात बड़े ही बेवकी से रखते हैं इसी वजह से उनके बयान काफी चर्चा में भी रहते हैं वहीं बरखा दत्त के पॉडकास्ट मोजो स्टोरी में भी जावेद अख्तर ने कई मामलों पर खुलकर बातचीत की है जब उनसे पूछा गया कि क्या वाकई में ही जब वह पैदा हुए थे तो कान में कम्युनिस्ट मेनिफेस्टो पढ़ा गया था. उनके इस सवाल पर जावेद अख्तर ने मजेदार किस्सा भी सुनाया है.
इस दौरान जावेद अख्तर बताते हैं कि वह ग्वालियर में पैदा हुए उनके दोस्त के कुछ अच्छे दोस्त अस्पताल में भी मिलने आए उनमें से एक दोस्त कम्युनिस्ट थे उन्होंने सुना था कि मुसलमानों के बच्चों के कान में कलमा, आयात या दुआ वगैरा पढ़ी जाती है. ऐसे में उसे दोस्त ने जावेद के कान में यह सब पढ़ दिया था जावेद ने बताया कि उनके घर पर स्टालिन की एक बड़ी सी तस्वीर भी लगी हुई थी किसी ने उनसे कह दिया था कि स्टालिन उनके दादाजी थे वह काफी समय तक यह सब कुछ सच मानते रहे लेकिन जब सच पता चला तो काफी दुख हुआ.
बचपन से ही जावेद क्रांतिकारी थे उन्होंने बताया कि बचपन में मैं जब कुछ भी खाता नहीं था कि यह सब्जी नहीं खाऊंगा वह सब्जी नहीं खाऊंगा तो मन बोला करती थी क्रांति में जब जेल जाओगे तो सब खाना पड़ेगा तो उसे समय मैं सब कुछ खा लेता था क्योंकि मुझे पता था कि मैं जेल जाऊंगा मैं 6 से 7 साल की आयु में ही मिर्ची खाने भी शुरू कर दी क्योंकि लोगों का कहना था कि जेल के खाने में मिर्ची बेहद ही अधिक होती है.
सड़क पर नमाज पढ़ना सही या गलत?
बीते ही दिनों सड़क पर नमाज पढ़ने वालों को एक पुलिस के द्वारा लात मार कर हटाया गया था यह वीडियो काफी वायरल हुआ था और इस मुद्दे पर सोशल मीडिया पर बहस तक हो गई थी वहीं जावेद अख्तर ने इस पर भी रिएक्शन दिया और जवाब दिया कि सड़क पर नमाज पढ़ने ठीक नहीं है अगर जगह नहीं है तो सरकार से जगह मांगो लेकिन सड़क पर नमाज मत पढ़ो। हिंदू करें या मुस्लिम करें यह नहीं होना चाहिए हालांकि पुलिस ने जो भी तरीका अपनाया जावेद अख्तर ने उसे भी गलत कहा है.
मुसलमानों से लोग जलते हैं
यूनिफॉर्म सिविल कोड पर चर्चा आजकल होती रही है इस पर भी जावेद अख्तर ने अपनी भावनाओं को व्यक्त किया वह कहा कि यह केवल मुसलमान की आलोचना के लिए नहीं होना चाहिए उन्हें यह नियम गलत नहीं लगता केंद्र सरकार की तरफ से चर्चा करके यह समान रूप से लागू होना चाहिए जावेद अख्तर का कहना है कि वह खुद इसका पालन भी करते हैं हालांकि यदि कोई केवल इसलिए यूनिफॉर्म सिविल कोड लाना चाहता है कि मुस्लिम बहु विवाह न कर सके तो यह गलत है जावेद अख्तर इस दौरान खासकर बोलते हैं कि लोग जलते हैं कि मुसलमानों को चार बीवियां रखने का हक है उन्हें कुछ और गलत नहीं लगता क्या इसी वजह से यूनिफॉर्म सिविल कोड लाना चाहिए? अगर आपको भी यह हक दिया जाए तब दिक्कत नहीं होती?
हिंदू ज्यादा दो शादी करने में आगे
जावेद अख्तर ने अपनी इस बातचीत के दौरान इलीगल तरीके से हिंदू ऐसा कर ही रहे हैं यह भी कहा है साथ ही उन्होंने बताया है कि आपने कहते हैं कि हिंदू में दो साड़ियां ज्यादा है जावेद ने बताया है कि वह सभी के लिए बराबर कानून और हक के पक्षधर में है वह अपनी जिंदगी में इसे भी जी रहे हैं जावेद आगे बताते हैं कि अपनी बेटी को भी बेटे के बराबर हिस्सा देंगे उन्होंने लोगों से सवाल किया कि क्या आप लोगो ने अपनी बेटी को जायदाद में हिस्सा दिया है अगर नहीं तो चुप रहिए।
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