इस समय पेरिस ओलंपिक 2024 की काफी चर्चा हो रही है वहीं अगर पेरिस ओलंपिक 2024 की बात करें तो विनेश फोगाट के साथ जो भी कुछ हुआ है वह किसी से भी छिपा हुआ नहीं रहा है विनेश फोगाट कुश्ती के सेमीफाइनल में जीत हासिल कर लेने के बावजूद भी फाइनल खेलने से पहले ही बाहर हो गई थी उनका 100 ग्राम वजन ज्यादा था जिसकी वजह से उनकी सालों की मेहनत खराब हो गई नतीजा तो यह हुआ कि पेरिस ओलंपिक से वह बाहर ही हो गई.
इस पूरे मामले के बाद लोगों के मन में भी कई प्रकार के सवाल आने लग गए हैं खास करके तो यह है कि आखिरकार विनेश फोगाट का वजन अचानक किस प्रकार से बढ़ गया है इस मुद्दे पर आरोप प्रत्यारोप का दौड़ लगातार शुरू है और अब कई लोग इस पूरे मामले को लेकर विनेश फोगाट के डॉक्टर को भी जिम्मेदार ठहरा रहे हैं.
पेरिस ओलंपिक 2024 में जो भी कुछ विनेश फोगाट के साथ हुआ उसे कभी भी नहीं बुलाया जा सकता हालांकि अभी तक विनेश फोगाट का मामला जारी है और उम्मीद ऐसी भी है कि उन्हें रजत पदक दिया जाएगा लेकिन सोशल मीडिया पर इस बीच उनके डॉक्टर दिनशॉ पादरीवाला की काफी चर्चा होने लग गई है.
दरअसल विनेश फोगाट के लिए डॉक्टर को नियुक्त किया गया और सोशल मीडिया पर कई लोग डॉक्टर पर भी सवाल खड़ा कर रहे हैं और इल्जाम भी लगा रहे हैं कि उन्होंने ही विनेश फोगाट की डाइट का बिल्कुल भी ध्यान नहीं रखा जिसका नतीजा यह हुआ कि यह मुकाबला से पहले ही उनका वजन बढ़ गया और उन्हें प्रतियोगिता से ही बाहर होना पड़ गया.
क्या विनेश फोगाट की डाइट की जिम्मेदारी भी एक डॉक्टर की है और क्या डॉक्टर नहीं ऐसा जानबूझकर कर दिया है इस प्रकार के कुछ सवाल खड़े हो रहे हैं जिनका जवाब काफी अहम हो चुका है इसके साथ ही पादरीवाला वही डॉक्टर बताए जाते हैं जिन्होंने ऋषभ पंत समेत कई खिलाड़ियों का पूर्व में इलाज किया है.
इस पूरे मामले को लेकर पीटी उषा का भी बयान आया है उनका कहना है कि पेरिस ओलंपिक में महिलाओं की 50 किलोग्राम भार वर्ग की फाइनल स्पर्धा में भारतीय पहलवान विनेश फोगाट को आयोजित हारी जाने के लिए आईओए के द्वारा नियुक्त मुख्य डॉक्टर को जिम्मेदार नहीं ठहराया जाना चाहिए।
उनका तो कहना है कि इसकी बजाय उन्होंने पहलवान के कोच और उनके ही सहयोगी स्टाफ को इसके लिए जिम्मेदार ठहरा दिया है पीटी उषा ने इस पर शब्दों में कहा है की कुश्ती मुक्केबाजी और जूडो जैसे खेलों में एथलीटन के वजन प्रबंधन की जिम्मेदारी एथलीट और उनके कोच की होती है ना कि आईओए के द्वारा नियुक्त किए गए चिकित्सा अधिकारी या फिर उसके टीम की.
वहीं दूसरी तरफ विनेश फोगाट के बारे में भारतीय ओलंपिक एसोसिएशन के बयान पर अब समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी अपनी प्रतिक्रिया जाहिर की है वह लिखते हैं कि संगठन का दावा है कि खिलाड़ी के वजन और शारीरिक स्थिति की जिम्मेदारी केवल कोच और सहयोगी टीम की होती है यह निंदनीय है बिना भाजपा का नाम लिए उन्होंने यहां तक भी कह दिया कि यदि 86 साजिश का ओलंपिक होता तो आज के नेता बिना खेल ही जीत जाते।
अखिलेश यादव ने अपने बयान में सवाल भी उठाया और पूछा कि क्या इस बयान के माध्यम से संगठन कोच और सपोर्ट टीम को दोषी ठहरा रही है जो खुद संगठन से ही जुड़े हुए हैं उन्होंने यह भी पूछा कि सपोर्ट टीम का चयन किसने किया अगला जिम्मेदारी केवल कोच सपोर्ट टीम की ही थी तो फिर मुख्य चिकित्सा अधिकारी को भेजने की औपचारिकता क्यों पूरी की गई? जनता भी इन सभी मुद्दों पर सवाल उठा रही है.
जिसके कंधों पर देश की ज़िम्मेदारी हो, कम-से-कम देश को उसकी ज़िम्मेदारी तो उठानी चाहिए।
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) August 12, 2024
महान योद्धा विनेश फोगाट के बारे में इंडियन ओलंपिक एसोसिएशन का ये बयान निंदनीय है कि खिलाड़ी के वज़न और शरीर की ज़िम्मेदारी सिर्फ़ उसके अपने कोच और सपोर्ट टीम की होती है। क्या ऐसा कहकर इंडियन… pic.twitter.com/bAamYGuEhN