देशभर में वक्फ बोर्ड की मनमानी के खिलाफ लोगों के विरोध के बीच आंध्र प्रदेश सरकार ने बड़ा कदम उठाते हुए वक्फ बोर्ड को भंग करने का आदेश जारी कर दिया है। इसके तहत सरकार ने शनिवार को वक्फ बोर्ड के गठन पर अपने पहले के आदेश को वापस लेते हुए जीओ 75 जारी किया।
वक्फ बोर्ड को भंग करने का आदेश
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक सरकार ने जीओ में कहा है कि बोर्ड के चेयरमैन के चुनाव पर रोक के बाद लंबे समय से इसके कामकाज न करने को देखते हुए बोर्ड को भंग करने का फैसला किया गया है. इसके मुताबिक वक्फ बोर्ड के सीईओ ने इस बोर्ड के कामकाज में कमी की बात सरकार के सामने रखी थी.
बताया जा रहा है कि 21 अक्टूबर 2023 को शेख खाजा, मुतवल्ली, विधायक हाफिज खान और एमएलसी रूहुल्लाह समेत 8 लोगों को राज्य वक्फ बोर्ड का सदस्य चुना गया था. बाद में आंतरिक कलह के कारण तत्कालीन सरकार द्वारा शेख खाजा और वक्फ बोर्ड के गठन के लिए जारी किए गए जीओ 47 की वैधता को कई रिट के माध्यम से आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय में चुनौती दी गई थी।
सुकून वाली खबर 🚨
— Tiger Raja Satire (@TigerRajaSinggh) December 1, 2024
वक्फ कब्ज़ा प्रॉपर्टी पर चल रही बहस के बीच रिपोर्ट में दावा किया गया है कि आंध्र प्रदेश सरकार ने वक्फ बोर्ड को भंग कर दिया है
चंद्रबाबू और पवन कल्याण ने यह किया है 🔥
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इन सभी याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए उच्च न्यायालय ने वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष के चुनाव पर रोक लगा दी थी। इसके साथ ही न्यायालय ने फैसला सुनाया था कि सदस्य का चुनाव रिट याचिकाओं के अंतिम परिणाम के अधीन होगा। याचिकाओं के लंबित रहने तक वक्फ बोर्ड बिना अध्यक्ष के रहा। इस प्रशासनिक शून्यता को देखते हुए सरकार ने वक्फ बोर्ड को भंग करने का फैसला किया।