कर्नाटक सरकार ने भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) और पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) के साथ सभी लेन-देन निलंबित करने का आदेश जारी किया है। दोनों बैंकों पर सरकारी खातों से धन का दुरुपयोग करने का आरोप है। ये दोनों बैंक केंद्र सरकार के स्वामित्व में हैं। कर्नाटक सरकार के वित्त विभाग ने सभी राज्य विभागों को इन बैंकों में अपने खाते बंद करने और अपनी जमा राशि तुरंत वसूलने का निर्देश दिया है।
आदेश में कहा गया है, “राज्य सरकार के विभागों, सार्वजनिक उद्यमों, निगमों, स्थानीय निकायों, विश्वविद्यालयों और अन्य संस्थानों द्वारा भारतीय स्टेट बैंक और पंजाब नेशनल बैंक में रखे गए खातों को तुरंत समाप्त किया जाना चाहिए। इसके अतिरिक्त, इन बैंकों में कोई और जमा या निवेश नहीं किया जाना चाहिए।”
यह आदेश ऐसे समय में आया है जब राज्य द्वारा संचालित कर्नाटक महर्षि वाल्मीकि अनुसूचित जनजाति विकास निगम लिमिटेड से जुड़े कथित धन हस्तांतरण घोटाले को लेकर कांग्रेस और भाजपा के बीच रस्साकशी चल रही है। आपको बता दें कि कांग्रेस वर्तमान में कर्नाटक में सत्ता में है।
कथित घोटाला तब सामने आया जब निगम के लेखा अधीक्षक चंद्रशेखर पी ने 26 मई को आत्महत्या कर ली और एक नोट छोड़ा। नोट में दावा किया गया है कि निगम के 187 करोड़ रुपये बिना मंजूरी के ट्रांसफर कर दिए गए। कुल राशि में से 88.62 करोड़ रुपये आईटी कंपनियों और हैदराबाद स्थित एक सहकारी समिति के खातों में डायवर्ट किए गए।
आदेश में राज्य के वित्त विभाग ने कर्नाटक औद्योगिक क्षेत्र विकास बोर्ड के फंड से जुड़ी कथित धोखाधड़ी का जिक्र किया है। आरोप है कि बैंक अधिकारियों की मिलीभगत से पंजाब नेशनल बैंक के खातों से पैसे निकाले गए। सरकार ने कहा कि मामला अदालतों में लंबित है और कई करोड़ रुपये अभी भी वापस नहीं किए गए हैं।
इसी तरह, कर्नाटक राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने एसबीआई बैंक में पैसा जमा किया था, जिसे 2013 में कथित तौर पर जाली दस्तावेजों का इस्तेमाल करके एक निजी कंपनी के लिए ऋण के साथ समायोजित किया गया था। यह मामला भी अदालत में लंबित है। आदेश में कहा गया है कि दोनों बैंकों के साथ खाते बंद करने और पैसे निकालने की प्रक्रिया सभी विभागों द्वारा 20 सितंबर तक पूरी की जानी चाहिए और उप सचिव को सूचित किया जाना चाहिए।