एक तरफ बांग्लादेश में शेख हसीना को सत्ता से बेदखल किया गया तो दूसरी तरफ संसद में वक्फ बोर्ड संशोधन विधेयक पेश किया गया। इन मुद्दों से देश के हिंदू और मुसलमान दोनों जुड़े हुए हैं। एक तरफ मुस्लिम बहुल इस्लामिक राष्ट्र बांग्लादेश में हिंदुओं का कत्लेआम हो रहा है तो दूसरी तरफ अपने ही घर में अल्लाह के नाम पर वक्फ बोर्ड की गुंडागर्दी पर लगाम लगाने का वक्त आ गया है।
जगतगुरु स्वामी रामभद्राचार्य ने चित्रकूट की धरती से जो भविष्यवाणी की थी कि देश विरोधी ताकतों का सफाया होने वाला है। शेख हसीना को न चाहते हुए भी प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा। उन्हें अपनी जान बचाने के लिए अपने ही देश से भागना पड़ा और आज पूरे बांग्लादेश की तस्वीर ऐसी है कि कट्टरपंथी ताकतों से लेकर प्रदर्शनकारी सड़कों पर हिंसा मचा रहे हैं। हिंदुओं के मंदिर तोड़े जा रहे हैं। बंगाली हिंदुओं की हत्या की जा रही है और इस हिंसा के लिए पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई और ताकतवर अमेरिका को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है। इन सबके बीच देश के 1 करोड़ 45 लाख बंगाली हिंदू खतरे में हैं
जगतगुरु की पीएम मोदी से बड़ी मांग
जगतगुरु स्वामी रामभद्राचार्य ने हिंदुओं के अस्तित्व को बचाने के लिए बड़ा बयान दिया है। उन्होंने पीएम मोदी से अनुरोध करते हुए कहा कि बांग्लादेश में जो हुआ वह बहुत दुखद है। वहां लोकतंत्र की धज्जियां उड़ाई गईं। हमारे हिंदू वहां अल्पसंख्यक के रूप में रह रहे हैं। बांग्लादेश में जिस तरह के अत्याचार हो रहे हैं, हिंदुओं के घर जलाए जा रहे हैं और बेटियों की इज्जत से खिलवाड़ किया जा रहा है, उससे मैं बहुत दुखी हूं।
मैं भारत सरकार से हिंदुओं की चिंता करने को कहूंगा। मैं खासकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बांग्लादेश की इस हरकत में हस्तक्षेप करने को कहूंगा। बांग्लादेश को यह नहीं भूलना चाहिए कि उसका निर्माण भारत की मदद से हुआ है। मैं अब पूरे हिंदू जनमानस से अपने मतभेद भुलाकर हिंदुत्व की आवाज उठाने और हिंदुओं के स्वाभिमान की रक्षा करने को कह रहा हूं।
जहां एक तरफ बांग्लादेश की तस्वीरों ने पूरी दुनिया को चिंतित कर दिया है, वहीं दूसरी तरफ संसद से लेकर सड़क तक वक्फ बोर्ड एक्ट का विरोध हो रहा है। तमाम मुस्लिम नेताओं से लेकर विपक्षी चेहरों और कट्टरपंथी ताकतों तक वक्फ बोर्ड में किसी भी तरह का बदलाव बर्दाश्त नहीं किया जा सकता।
आत्मनिर्भर भारत की नई तस्वीर
जगतगुरु स्वामी रामभद्राचार्य ने कहा कि 1995 का वक्फ एक्ट जो अब तक लागू है, उसमें मोदी सरकार का हस्तक्षेप इन लोगों को स्वीकार्य नहीं है। हालांकि बिल संसद में पेश कर जेपीसी को भेज दिया गया है। लेकिन क्या वक्फ बोर्ड की असीमित शक्ति पर अंकुश लगाना जरूरी है? इस बार जगतगुरु ने वक्फ बोर्ड के भविष्य को लेकर एक और बड़ा बयान दिया है।
उन्होंने कहा- ईश्वर की इच्छा से वक्फ बोर्ड संशोधन विधेयक पारित होना चाहिए। विपक्ष इसका विरोध करेगा, यह हिंदुओं के खिलाफ है, यह भारत विरोधी है। ये सभी जयचंद के वंशज हैं, किसी का भारत से कोई लेना-देना नहीं है। वक्फ बोर्ड जहां चाहता है अपनी जमीन बता देता है। उनकी जमीन अधिग्रहित कर लेनी चाहिए। हिंदुओं के लिए कुछ नहीं होता। इनसे सख्ती से निपटा जाना चाहिए।
बांग्लादेश जैसे हालातों से निपटने, हिंदुओं की रक्षा करने, भारत की छवि बांग्लादेश जैसी न हो जाए, इसके लिए जगतगुरु के शिष्य धीरेंद्र शास्त्री ने एक बार फिर हिंदू राष्ट्र की मांग उठाई है, लेकिन धर्मनिरपेक्ष भारत में आधिकारिक रूप से हिंदू राष्ट्र घोषित करना कितना आसान या कठिन है, यह तो समय के साथ ही पता चलेगा।