जमीन पर अवैध कब्ज़ा रोकने के लिए क्या करें? पढ़ें पूरी प्रक्रिया, मुवावजे के साथ मिलेगी वापस जमीन… आजकल अदालतों में हर दिन संपत्ति विवादों की बाढ़ सी आ गई है। इनमें से बड़ी संख्या में मामले जमीन या मकान पर कब्जे से जुड़े होते हैं। इसी वजह से कानून में ऐसे नियम बनाए गए हैं जो जमीन से अवैध कब्जे हटाने में मदद करते हैं। मौजूदा समय में जब जमीन पर जबरन कब्जे की घटनाएं आम हो गई हैं, तो मालिकों को अपने अधिकार और कानूनी उपायों को जानना जरूरी है।
कब्जे के बारे में कानून क्या कहता है?
जैसे-जैसे जमीन घोटाले और धोखाधड़ी के मामले सामने आ रहे हैं, अतिक्रमण और कब्जे के मामले भी बढ़े हैं। इनसे बचने के लिए लोगों को कानूनी समझ के साथ-साथ सावधानी बरतनी चाहिए ताकि भविष्य में उन्हें किसी विवाद का सामना न करना पड़े। जमीन खरीदते ही करें ये काम अगर कोई व्यक्ति जानबूझकर किसी दूसरे की जमीन पर कब्जा करता है तो उसे अतिक्रमण कहते हैं। ऐसे में जमीन खरीदते ही उसकी सीमा स्पष्ट करने के लिए बाउंड्रीवॉल बनवाना, निर्माण कार्य शुरू करवाना या सूचना बोर्ड लगवाना अच्छा कदम है। इससे बाहरी लोग जमीन को देखने से पहले भी दो बार सोचते हैं।
अतिक्रमण हटाने के ये हैं कानूनी उपाय
भारतीय दंड संहिता की धारा 441 के तहत किसी की जमीन पर जबरन कब्जा करना अपराध माना जाता है। इस कानून के अनुसार दोषी व्यक्ति को 3 महीने तक की कैद और जुर्माना भी हो सकता है। अगर किसी ने आपकी संपत्ति पर कब्जा कर लिया है तो आप सीधे कोर्ट जाकर कार्रवाई कर सकते हैं।
अतिक्रमण की शिकायत कैसे और कहां करें?
अगर कोई आपकी संपत्ति पर अवैध कब्जा करता है तो आप संबंधित सरकारी विभाग में शिकायत कर सकते हैं। साथ ही आप सिविल प्रक्रिया संहिता के आदेश 39, नियम 1 और 2 के तहत कोर्ट में केस भी दायर कर सकते हैं ताकि कब्जे को रोका जा सके।
कोर्ट में अर्जी दाखिल करने की प्रक्रिया
अगर आप कोर्ट में अर्जी दाखिल करते हैं तो कोर्ट कब्जे को रोकने के लिए अंतरिम आदेश दे सकता है। इसके अलावा कोर्ट अवैध कब्जा करने वाले को हर्जाना देने का भी आदेश दे सकता है। यह हर्जाना संपत्ति के बाजार मूल्य के आधार पर तय किया जाता है, ताकि संपत्ति मालिक को नुकसान की भरपाई की जा सके।
विवाद सुलझाने के दो तरीके
जब कब्जे को लेकर विवाद गहरा जाता है, तो इसे सुलझाने के दो तरीके हैं- पहला आपसी बातचीत और दूसरा कानूनी तरीका। कई बार परिवार के किसी सदस्य या किसी भरोसेमंद व्यक्ति की मध्यस्थता से मसला सुलझ जाता है। लेकिन अगर बात नहीं बनती है, तो कोर्ट की मदद लेना जरूरी हो जाता है।
दस्तावेज हैं आपका सबसे बड़ा हथियार
कब्जे से जुड़े मामलों में दस्तावेज सबसे अहम भूमिका निभाते हैं। अगर जमीन के बंटवारे, बिक्री या किराए पर देने की बात आती है, तो उचित दस्तावेज बहुत जरूरी होते हैं। कोर्ट में केस फाइल करते समय आपको मालिकाना हक साबित करने के लिए रजिस्ट्री, टाइटल डीड और सेल डीड जैसे दस्तावेज दिखाने होंगे।