Rent Agreement: यदि आप लोग भी अपनी प्रॉपर्टी को किराए पर देते हैं और उससे थोड़ा-थोड़ा की लेकर आई अर्जित करते हैं तो आप लोगों को पता होना चाहिए कि एक नया कानून जरूरी हो चुका है दरअसल मकान मालिक और किराएदार के बीच हमेशा विवाद की संख्या बढ़ती है जा रही है और इन विवाद को देखते हुए इसके अंदर पारदर्शिता लाने के लिए सरकार ने रेंट एग्रीमेंट रजिस्ट्रेशन को अनिवार्य करने की दिशा में कदम उठाया है.
वही इस जारी हुए नए कानून का उद्देश्य किराएदार और मकान मालिक दोनों के अधिकारों की रक्षा करना है ऐसे में रेंट एग्रीमेंट न केवल कानूनी सुरक्षा देता है बल्कि भविष्य में होने वाले किसी भी विवाद से बचने में सहायता करता है.
आखिर क्या है नया नियम?
जारी हुए नए नियम के चलते यदि कोई भी मकान मालिक अपने किसी प्रॉपर्टी को किराए पर देता है तो उससे पहले रेंट एग्रीमेंट का रजिस्ट्रेशन करवाना अनिवार्य होगा यह प्रक्रिया किराएदार और मकान मालिक दोनों की अधिकारों की रक्षा करेगा।
रेंट एग्रीमेंट क्यों है जरूरी?
रेंट एग्रीमेंट इसलिए जरूरी है क्योंकि यह कानूनी रूप से माननीय दस्तावेज है और भविष्य में होने वाले सभी विवादों का समाधान आसानी से कर लेता है वहीं दोनों पक्षों के अधिकारों को भी सुरक्षित बनाए रखना है मौखिक समझौते से बचाव भी करता है.
रेंट एग्रीमेंट को कैसे करें रजिस्टर?
यदि आप लोग भी अपने किसी संपत्ति को किराए पर देना चाहते हैं और रेंट एग्रीमेंट रजिस्टर करवाना चाहते हैं तो इसके लिए ऑफलाइन और ऑनलाइन दोनों प्रक्रिया दी गई है.
बात करें ऑफलाइन भीम की तो मकान मालिक और किराएदार दोनों को सब रजिस्ट्रार कार्यालय में उपस्थित होना पड़ता है वहां पर पहचान पत्र प्रॉपर्टी डिटेल्स और गवाहों की जानकारी भी होती है दूसरी तरफ स्टांप शुल्क का भुगतान भी करना होता है.
वहीं अगर ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करते हैं तो आप लोगों को राज्य की ई फाइलिंग वेबसाइट पर जाना पड़ता है वहां पर अपनी प्रोफाइल को बनाना होता है और अपनी प्रॉपर्टी की डिटेल डालनी पड़ती है बाद में स्टाम्प पेपर पर ई स्टैंप चिपक कर इसे कानूनी वैलिड बना दिया जाता है.