एसबीआई में बंद पड़े बचत और चालू खातों को फिर से चालू करने का अच्छा मौका है। दरअसल, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) ने निष्क्रिय खातों को सक्रिय करने के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए एक राष्ट्रव्यापी अभियान शुरू किया है।
बैंक ने शनिवार को कहा कि बचत या चालू खाते को तब निष्क्रिय माना जाता है, जब ग्राहक ने दो साल से अधिक समय तक खाते में कोई लेनदेन नहीं किया हो। एसबीआई ने एक बयान में कहा कि इन खातों को सक्रिय करने के लिए री-केवाईसी (अपने ग्राहक को जानो) प्रक्रिया की आवश्यकता होती है।
केवाईसी जरूरी होगी
खाते में नियमित लेनदेन की आवश्यकता और इसे निष्क्रिय खातों की श्रेणी में आने से रोकना मुख्य संदेश है। एसबीआई के चेयरमैन सीएस शेट्टी ने पीएमजेडीवाई (प्रधानमंत्री जनधन योजना) खातों को सक्रिय स्थिति में रखने और ग्राहकों को निर्बाध रूप से लेनदेन करने में सक्षम बनाने के लिए री-केवाईसी प्रक्रिया को अक्षरशः लागू करने की आवश्यकता पर बल दिया।
एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन
अभियान के शुभारंभ से पहले, एसबीआई ने गुरुग्राम में एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया, जिसमें आम जनता को निष्क्रिय खातों को सक्रिय करने के महत्व के बारे में जागरूक किया गया।
कार्यशाला में पीएमजेडीवाई खातों के महत्व और निष्क्रिय खातों को फिर से सक्रिय करने के महत्व पर जोर दिया गया। इसके अतिरिक्त, कार्यशाला में ग्राहक सेवा बिंदुओं (सीएसपी) को उनके जोखिम प्रोफाइल के आधार पर वर्गीकृत करने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) और मशीन लर्निंग (एमएल) मॉडल के कार्यान्वयन को प्रदर्शित किया गया।
प्रौद्योगिकी का लाभ उठाकर, एसबीआई बैंकिंग उद्योग में जोखिम प्रबंधन और परिचालन दक्षता के लिए एक नया मानदंड स्थापित कर रहा है, साथ ही विनियामक अनुपालन में सुधार और बेहतर ग्राहक सेवा प्रदान कर रहा है। एसबीआई ने उद्योग की मांग को पूरा करने और चैनल को अधिक लचीला, जोखिम कम करने वाला और ग्राहक-उन्मुख बनाने के लिए नई पहल शुरू करने में अपने प्रयासों की सराहना की।