मुकेश अंबानी की रिलायंस के एक फैसले के कारण 42,000 लोगो की जाएगी नौकरी?, जाने क्यों

देश और दुनिया में बढ़ती मंदी की खबरों के बीच एक चौंकाने वाली जानकारी सामने आई है। देश की दिग्गज कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज में पिछले एक साल में बड़ी संख्या में कॉस्ट कटिंग हुई है। कंपनी ने अपनी एनुअल जनरल रिपोर्ट में कर्मचारियों की संख्या कम करने की बात कही है। कंपनी ने बताया है कि वित्त वर्ष 2023 में रिलायंस इंडस्ट्रीज में कुल कर्मचारियों की संख्या 3,89,000 थी, जिसे 2024 में घटाकर 3,47,000 कर दिया गया है। रिलायंस ग्रुप ने सबसे ज्यादा कॉस्ट कटिंग रिलायंस रिटेल वर्टिकल में की है।

कंपनी की सालाना रिपोर्ट में मिली जानकारी

रिलायंस इंडस्ट्रीज ने एक साल पहले की तुलना में वित्त वर्ष 24 में अपने कर्मचारियों की संख्या में करीब 11% या 42,000 की कटौती की है, जो लागत दक्षता और कम हायरिंग को दर्शाता है, खासकर रिटेल सेक्टर में, जिसमें स्टोर बंद होने और धीमी वृद्धि भी देखी गई। आरआईएल की ताजा सालाना रिपोर्ट के मुताबिक, नई भर्तियों की संख्या में एक तिहाई से ज्यादा की कटौती कर 1,70,000 कर दी गई है।

रिटेल में सबसे ज्यादा कमी आई है

समूह में कर्मचारियों की संख्या में कमी का एक बड़ा हिस्सा इसके रिटेल कारोबार में था, जो पिछले वित्त वर्ष में RIL के 2,07,000 कर्मचारियों का लगभग 60% था, जबकि वित्त वर्ष 23 में यह 2,45,000 था। जियो ने भी अपने कर्मचारियों की संख्या को एक साल पहले के 95,000 से घटाकर वित्त वर्ष 24 में 90,000 कर दिया। RIL ने कहा कि वित्त वर्ष 24 में स्वैच्छिक छंटनी की संख्या वित्त वर्ष 23 की तुलना में काफी कम रही है।

25,699 करोड़ रुपये का अतिरिक्त व्यय

उन्होंने कहा कि कर्मचारियों को दी जाने वाली सुविधाओं पर व्यय 3% बढ़कर 25,699 करोड़ रुपये हो गया है। यानी कंपनी पर इतने पैसे का अतिरिक्त बोझ है। वित्त वर्ष 23 में इसमें एक साल पहले की तुलना में 33% की वृद्धि हुई थी। वर्ष 2022-23 के दौरान रिलायंस रिटेल ने 3,300 से अधिक नए स्टोर खोलकर अपने भौतिक स्टोर नेटवर्क का विस्तार किया, जिससे वर्ष के अंत में स्टोर की कुल संख्या 18,040 हो गई।

जून तिमाही में कंपनी को घाटा हुआ

आपको बता दें कि रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड ने जून तिमाही के लिए अपने शुद्ध लाभ में पांच फीसदी की गिरावट दर्ज की है। रिफाइनिंग और पेट्रोकेमिकल कारोबार में कम मार्जिन ने दूरसंचार और खुदरा कारोबार में वृद्धि को भी प्रभावित किया है। तेल से लेकर खुदरा और दूरसंचार कारोबार में सक्रिय रिलायंस इंडस्ट्रीज ने शुक्रवार को एक बयान में कहा कि अप्रैल-जून तिमाही में समूह का शुद्ध लाभ 15,138 करोड़ रुपये यानी 22.37 रुपये प्रति शेयर रहा, जबकि एक साल पहले इसी अवधि में यह 16,011 करोड़ रुपये यानी 23.66 रुपये प्रति शेयर था। इससे पहले जनवरी-मार्च तिमाही में कंपनी ने रिकॉर्ड 18,951 करोड़ रुपये कमाए थे। तिमाही आधार पर कंपनी के शुद्ध लाभ में 20 फीसदी की गिरावट आई है। इसी तिमाही में परिवहन ईंधन के मार्जिन में कमी के अलावा रिलायंस ने मूल्यह्रास लागत पर भी अधिक खर्च किया है, जिससे कंपनी की आय प्रभावित हुई है। पेट्रोल की कीमतों में 30 फीसदी की गिरावट और केमिकल कारोबार के मार्जिन में कमी के कारण ऐसा हुआ है।

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