उत्तरप्रदेश के वो दबंग IPS ऑफिसर जिसने कॉलेज में फैल होने के बाद की UPSE की तैयारी,और IPS बनने के बाद जिसने मुख्तार अंसारी की सल्तनत को किया बर्बाद।
That domineering IPS officer of Uttar Pradesh, who prepared for UPSE after spreading in college, and after becoming IPS, who ruined the Sultanate of Mukhtar Ansari.

कभी-कभी जीवन सुचारू रूप से चल रहा होता है, लेकिन तभी कुछ ऐसा होता है जो सब कुछ बदल देता है। ऐसा ही कुछ हुआ 2013 बैच के तेजतर्रार आईपीएस अनुराग आर्य के साथ। माफिया मुख्तार अंसारी के अवैध निर्माणों पर बुलडोजर चलाकर अनुराग आर्य पहली बार सुर्खियों में आए। मुख्तार अंसारी की सल्तनत पर पहली कील ठोंकी थी आईपीएस अनुराग आर्य ने. आज हम अनुराग आर्य की शिक्षा, पारिवारिक पृष्ठभूमि, पुलिस अधिकारी बनने की कहानी जानेंगे।
IPS अनुराग आर्य ने UPSC सिविल सेवा परीक्षा के आम उम्मीदवारों की तरह बचपन से ही प्रशासनिक सेवा में शामिल होने का सपना नहीं देखा था। वह एमएससी करके कुछ और करना चाहता था। लेकिन कभी अंग्रेजी से डरे अनुराग एमएससी में दो विषयों में फेल हो गए। बचपन से ही पढ़ाई में होशियार अनुराग आर्य को इससे बड़ा झटका लगा. उसने सोचा कि कुछ और किया जाए।
अनुराग आर्य यूपी के बागपत जिले के रहने वाले हैं
आईपीएस अनुराग आर्य यूपी के बागपत जिले के एक छोटे से गांव छपरौली के रहने वाले हैं। वह अपनी मां डॉ. पूनम आर्य और पत्नी वनिका सिंह के साथ रहते हैं। वनिका सिंह पीसीएस अधिकारी हैं। जबकि मां होम्योपैथी डॉक्टर हैं। उनके पिता भी डॉक्टर हैं। लेकिन शादी के दो साल के भीतर ही मां और पिता के बीच मतभेद के कारण अलगाव हो गया। अनुराग जब छह महीने का था तब उसकी मां उसे अपने मायके छपरौली ले गई थी।
बचपन में मुझे अंग्रेजी से डर लगता था
अनुराग आर्य ने सातवीं कक्षा तक की पढ़ाई गांव के ही सरस्वती शिशु मंदिर स्कूल में की। इस समय उन्हें अंग्रेजी से डर लगता था। लेकिन इसके बाद उन्होंने अंग्रेजी को ही अपना हथियार बना लिया। वर्ष 2008 में उन्होंने देहरादून स्थित इंडियन मिलिट्री स्कूल (IMS) में प्रवेश लिया। इस माहौल में उन्होंने अनुशासन और अंग्रेजी दोनों सीखी। व्यक्तित्व का विकास हुआ। उन्होंने घुड़सवारी, पर्वतारोहण और राफ्टिंग जैसे खेलों में कई पदक जीते। इसके बाद उन्होंने बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी से फिजिक्स में ग्रेजुएशन किया।
एमएससी में दो विषयों में फेल
बीएचयू से ग्रेजुएशन के बाद अनुराग आर्य ने दिल्ली यूनिवर्सिटी के हिंदू कॉलेज में एमएससी में दाखिला लिया। वर्ष 2011 में वह दो विषयों में फेल हो गया। इससे उन्हें बहुत धक्का लगा। जिसके बाद उन्होंने एमएससी की पढ़ाई छोड़ दी और कुछ समय अपने करियर के बारे में सोचने लगे। आखिर में तय किया कि उन्हें आईपीएस बनना है।
ढाई साल में चार जिलों के एसपी बन गए
अनुराग आर्य ने साल 2013 में यूपीएससी सिविल सेवा मुख्य परीक्षा में हिस्सा लिया था। इस दौरान उनका चयन आरबीआई में मैनेजर के पद पर हुआ था। आरबीआई में नौकरी भी ज्वाइन की। कानपुर में भी आठ महीने काम किया। इसी कोशिश में वे आईपीएस बन गए। उनकी रैंक 163 थी। जिसके बाद उन्होंने बैंक की नौकरी छोड़ दी। शुरुआत में ढाई साल में अनुराग आर्य चार जिलों के एसपी बने। वे 6 महीने अमेठी, 4 महीने बलरामपुर, 14 महीने मऊ और 5 महीने प्रतापगढ़ में एसपी रहे.
मुख्तार अंसारी पर बड़ी कार्रवाई
आईपीएस अनुराग आर्य ने 2019 से 2020 तक मऊ में पदस्थापन के दौरान मुख्तार अंसारी के गिरोह के खिलाफ सख्त कार्रवाई की थी। अवैध बूचड़खाने चलाने वाले मुख्तार अंसारी गिरोह के 26 लोगों के खिलाफ गैंगस्टर की कार्रवाई की गई थी। साथ ही उनके शूटर अनुज कनौजिया के घर को बुलडोजर से तोड़ दिया गया. अनुराग आर्य ने 2020 में मुख्तार अंसारी के खिलाफ मामला दर्ज कराया था। 2013 के बाद पहली बार मुख्तार के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था। उन्होंने मुख्तार अंसारी की काली कमाई के स्रोतों पर हमला बोला और उनके गुर्गों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की.