रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने भारत की आर्थिक प्रगति, सांस्कृतिक विरासत और भविष्य की संभावनाओं की प्रशंसा करते हुए उसे एक महान शक्ति बताया है। वल्दाई डिस्कशन क्लब को संबोधित करते हुए उन्होंने भारत के तेज आर्थिक विकास और रूस के साथ उसके ऐतिहासिक संबंधों पर जोर दिया।
पुतिन ने कहा कि दोनों देशों के बीच आपसी विश्वास और सहयोग लंबे समय से मौजूद है और यह सहयोग रक्षा से लेकर आर्थिक विकास तक हर क्षेत्र में मजबूत हुआ है। भारत के बढ़ते वैश्विक प्रभुत्व का जिक्र करते हुए पुतिन ने कहा कि भारत का स्थान दुनिया की महाशक्तियों में है।
भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जुलाई में रूस यात्रा के दौरान पुतिन से मुलाकात की थी, जहां उन्होंने राष्ट्रपति पुतिन को गले लगाकर दोनों देशों की मजबूत दोस्ती का प्रदर्शन किया था।
हालांकि, मोदी का यह कदम पश्चिमी देशों को रास नहीं आया और अमेरिका ने तटस्थ न रहकर यह संकेत दिया कि भारत किसी एक पक्ष को चुनेगा। इस साल ब्रिक्स शिखर सम्मेलन और जुलाई में कजाकिस्तान में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) शिखर सम्मेलन में पीएम मोदी की अनुपस्थिति के बावजूद, उन्होंने पुतिन के निमंत्रण पर विशेष रूप से कजाकिस्तान में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भाग लिया, जिससे भारत-रूस मैत्री को एक नया आयाम मिला।
बातचीत के दौरान, जहां मोदी हिंदी में और पुतिन रूसी भाषा में संवाद कर रहे थे, पुतिन ने मज़ाक में कहा कि भारत-रूस के रिश्ते इतने घनिष्ठ हैं कि प्रधानमंत्री मोदी शायद बिना अनुवादक के भी उनकी बात समझ सकते हैं। पुतिन की इस टिप्पणी पर मोदी मुस्कुराते हुए नज़र आए, जो दोनों देशों के बीच सौहार्द को पूरी तरह दर्शाता है।