High Court considered notice on email and WhatsApp valid: आप लोगों ने चेक बाउंस का नाम तो सुना होगा अब इसके ऊपर हाई कोर्ट का एक अहम फैसला आया है यह फैसला इलाहाबाद हाईकोर्ट ने दिया है हालांकि चेक बाउंस एक गंभीर मामला माना जाता है और अब अदालत में कई दिनों से लंबित पड़े मामले पर कानून की विभिन्न धाराओं पर विचार करने के बाद एक बड़ा फैसला लिया है.
हाई कोर्ट ने माना ईमेल व्हाट्सएप पर नोटिस को वैध
इलाहाबाद की अदालत ने अपने इस फैसले के बाद मान लिया है कि चेक बॉक्स के मामलों में यदि ईमेल और व्हाट्सएप के माध्यम से नोटिस भेजा जाता है तो उसे वैलिड माना गया है यह फैसला इस समय देश के अंदर चर्चा का विषय भी बन गया है.
हाई कोर्ट का फैसला
हाई कोर्ट ने अपने फैसले में बताया है कि यदि कोई भी चेक बाउंस हो जाता है और उसकी जानकारी व्हाट्सएप्प या ईमेल के माध्यम से दी जा रही है तो इस वैलिड नोटिस ही माना जाएगा। अदालत ने यह भी कहा है कि यह नोटिस तभी मान्य होगा जब यह आईटी एक्ट की धारा 13 के अनुसार ही भेजा जाएगा। हाई कोर्ट ने अपने बयान में कहा कि व्हाट्सएप और ईमेल के माध्यम से भेजी गई नोटिस को अवैध नहीं ठहराया जा सकता।
अदालत की कानूनी प्रावधान पर राय
इलाहाबाद की हाईकोर्ट ने नेगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट एक्ट और आईटी एक्ट की विभिन्न धाराओं पर भी विचार किया है ऐसे में अदालत में स्पष्ट भी कर दिया है कि चाहे सूचना लिखित हो या टाइपिंग में हो इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से भेजी गई हो सभी जानकारी को वैलिड माना जाएगा। अपने इस फैसले में आईटी एक्ट की धारा 4 और 13 तथा भारतीय साक्ष्य अधिनियम की धारा 65B का भी अदालत ने उल्लेख किया है.
अदालत की फैसले का असर?
इलाहाबाद के हाई कोर्ट के इस फैसले से चेक बाउंस के मामलों में ईमेल और व्हाट्सएप के नोटिस को मान्यता भी मिल गई है इसके साथ ही इसको डिजिटल माध्यम से नोटिस भेजने की प्रक्रिया को पूरी किया जाएगा इसके कानूनी सहमति मिली है जिससे न्याय प्रक्रिया भी तेज होगी।