कभी राम लक्ष्मण की जोड़ी हुआ करती थी मुकेश अंबानी और अनिल अंबानी की जाने आखिरकार क्यों दोनो भाइयों में हुआ झगड़ा
Mukesh Ambani and Anil Ambani once used to be a pair of Ram Laxman, don't know why there was a fight between the two brothers

रिलायंस इंडस्ट्रीज के संस्थापक धीरूभाई अंबानी ने कड़ी मेहनत और लगन से बिजनेस को नई ऊंचाईयों तक पहुंचाया। धीरूभाई ने रिलायंस का साम्राज्य बढ़ाने के साथ-साथ पारिवारिक संबंधों का भी ध्यान रखा। धीरूभाई रिश्तों को बहुत अहमियत देते थे। धीरूभाई अंबानी ने अमिताभ बच्चन के बुरे वक्त में उनकी काफी मदद की थी। धीरूभाई हमेशा आगे की सोच कर काम करते थे। हालाँकि, धीरूभाई अपनी मृत्यु से पहले एक काम करने में असमर्थ थे। इस वजह से उनकी मौत के बाद दोनों भाइयों के रिश्ते में कड़वाहट आ गई।
दरअसल, धीरूभाई अंबानी की वसीयत न करने की गलती की वजह से बाद में मुकेश अंबानी और अनिल अंबानी के बीच रिश्ते खराब होने लगे। दोनों भाइयों में वर्चस्व की लड़ाई शुरू हो गई। साल 2002 से दोनों भाइयों के बीच रिश्ते खराब होने लगे। इसके बाद साल 2005 में रिलायंस ग्रुप का बंटवारा हो गया। लेकिन तब तक दोनों भाइयों के बीच संबंध खराब हो चुके थे।
साल 2002 में धीरूभाई अंबानी डेथ ने दुनिया को अलविदा कह दिया। धीरूभाई ने कोई वसीयत नहीं की थी। इस वजह से दोनों भाइयों के बीच रिलायंस पर अधिकार को लेकर जंग छिड़ गई। धीरूभाई अंबानी की मृत्यु के बाद, मुकेश अंबानी रिलायंस समूह के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक बने। जबकि अनिल अंबानी वाइस चेयरमैन बने। लेकिन साल 2004 में दोनों भाइयों के बीच विवाद काफी बढ़ गया। इसके बाद साल 2005 में मां कोकिलाबेन ने दोनों भाइयों के बीच कारोबारी साम्राज्य को बांटने का ऐलान किया।
इस तरह कंपनियों का बंटवारा हुआ
साल 2005 में दोनों भाइयों के बीच बंटवारा हो गया। इसके बाद मुकेश अंबानी की होल्डिंग्स में ऑयल एंड गैस, रिफाइनिंग और पेट्रोकेमिकल समेत टेक्सटाइल शामिल हैं। वहीं, अनिल अंबानी को वित्तीय सेवाएं, बिजली, मनोरंजन और दूरसंचार कारोबार मिला। इस बंटवारे के बाद मुकेश अंबानी ने कारोबार को तेजी से आगे बढ़ाया। मुकेश अमीर होते रहे जबकि अनिल अंबानी अपनी दौलत गंवाते रहे। साल 2020 में अनिल अंबानी ने अपनी नेटवर्थ जीरो होने का ऐलान किया था। फिलहाल दोनों भाइयों की नेटवर्थ में जमीन-आसमान का अंतर है।