हिंडनबर्ग रिपोर्ट विवाद के कारण अडानी समूह के शेयरों में भारी बिकवाली हुई है। अदानी समूह के चेयरमैन गौतम अडानी की कुल संपत्ति 74 अरब डॉलर तक गिर गई। अडानी एंटरप्राइजेज के एफपीओ सब्सक्रिप्शन में शुरू में एक अमेरिकी शोध फर्म की नकारात्मक रिपोर्ट के कारण सुस्ती देखी गई, लेकिन 31 जनवरी को आखिरी दिन जबरदस्त उछाल आया। गौतम अडाणी की कंपनी के एफपीओ में बीते दिन गजब का रिस्पॉन्स देखने को मिला और एफपीओ को पूरा सब्सक्राइब हुआ.
अडाणी इंटरप्राइजेज के एफपीओ को मंगलवार को पूर्ण अभिदान मिला। शेयर बाजार के आंकड़ों पर नजर डालें तो 20,000 करोड़ रुपये के एफपीओ को गैर-खुदरा निवेशकों (एनआईआई) ने आखिरी दिन सब्सक्राइब किया। अडानी एंटरप्राइजेज ने बोली के लिए 4.55 करोड़ शेयर रखे थे, जिसके मुकाबले 4.62 करोड़ शेयर सब्सक्राइब हुए। रिपोर्ट की वजह से मुश्किल दौर से गुजर रहे अदानी ग्रुप के लिए उनके बिजनेस फ्रेंड्स के आगे आने की खबर आई है। इनमें दिल्ली और गुजरात के कई नामी उद्योगपति शामिल हैं।
यही वजह है कि अडानी इंटरप्राइजेज के फॉलो-ऑन पब्लिक ऑफर यानी एफपीओ पुरा को पूरा सब्सक्राइब मिला। अबू धाबी की इंटरनेशनल होल्डिंग कंपनी (IHC) ने अडानी के FPO में 3,200 करोड़ रुपए का निवेश किया है। इस कंपनी ने अडानी के एफपीओ में बोली लगाकर काफी भरोसा दिखाया है। IHC ने पहले अडानी समूह में भी निवेश किया है। पिछले साल कंपनी ने अडाणी ग्रीन में निवेश किया था।
अदानी एंटरप्राइजेज के एफपीओ में ज्यादातर गैर-संस्थागत निवेशकों (एनआईआई) ने दिलचस्पी दिखाई। इन गैर-खुदरा निवेशकों ने 3.13 करोड़ शेयरों के लिए बोली लगाई और अडानी को मुश्किल समय में बचाया। अडाणी इंटरप्राइजेज का एफपीओ 27 जनवरी को आया था। अधिकांश दिनों में बहुत खराब प्रदर्शन। दूसरे दिन यानी 30 जनवरी को महज 3 फीसदी सब्सक्रिप्शन मिला। आखिरी दिन गैर-खुदरा निवेशकों ने अडानी की डूबती नैया को पार किया.