Ford left India so Prasun Bajpayee was taunting Modi: अमेरिका की वाहन निर्माता कंपनी फोर्ड ने एक बड़ा फैसला ले लिया है! दरअसल भारत के अंदर लगातार वाहनों की घटती बिक्री को देखते हुए देश के अंदर मौजूद दोनों मैन्युफैक्चरिंग प्लांट को बंद करने का फैसला लिया है! ऐसे में कंपनी का दावा है कि उन्होंने बीते 10 सालों में करीब 2 बिलीयन डॉलर का घाटा झेला है! लेकिन इस बीच कंपनी के बंद होने पर मशहूर पत्रकार पुण्य प्रसून बाजपेयी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तंज कस दिया है!
सोशल मीडिया के माध्यम से पत्रकार ने ट्वीट कर लिख दिया कि “भारत में सभी की दुकान बंद। पहले जनरल मोटर, फिर हारले डेविडसन, अब फोर्ड प्लस। चिंता नहीं प्रधानमंत्री जी के लिए बीएमडब्ल्यू है।” ऐसे में हम अपने इस ट्वीट को लेकर पत्रकार लोगों के निशाने पर आ गए हैं उनको सोशल मीडिया पर काफी कुछ सुनने को मिल रहा है!
भारत में सभी की दुकान बंद….
पहले जनरल मोटर..
फिर हार्ले डेविडसन..
अब फ़ोर्ड प्लस…..
चिंता नहीं पीएम के लिए बीएमडब्ल्यू है…. pic.twitter.com/vE8pE1QRIY— punya prasun bajpai (@ppbajpai) September 10, 2021
सोशल मीडिया पर मिस्टर सिन्हा नाम के एक योजन ने पत्रकार के ट्वीट पर जवाब दिया है और लिखा है कि फोर्ड की 20 कारें भी नहीं दिख रही है इसलिए वह बंद हो गई है मारुति अब 50 की जगह 100 कारें बेच रहा है भाई गलती मोदी जी की है यही कंपनी की!
-फ़ोर्ड की 20 कारें नहीं बिक रही इसलिए वो बंद हो गया
-मारुति अब 50 की जगह 100 कारें बेच रहा हैतो भाई गलती मोदी जी है या कम्पनी की? कल कहोगे कि फ़लाना रेस्ट्रोरेंट में भिड़ नहीं है पर मोदी जी को बराबर खाना मिल रहा है… मतलब ग़ज़ब चपड़गंजु हो गए हो मोदी विरोध में…
— Mr Sinha (@MrSinha_) September 10, 2021
वही प्रियम नाम की एक यूजर लिखती है कि अब लोग फोर्ड की जगह दूसरे ब्रांड की गाड़ियां खरीद रहे हैं तो इसमें मोदी जी की गलती कैसे?
Ford nahi bik rahi Kia bik rahi h , Ford usi range me new model launch nahi kar payi India .e isme Modi ki galti ? Dusre brands ki to jyada bik rahi h na ?? Logic h ya nhi ? pic.twitter.com/A7dQk8B7xP
— Priyam (@___priyam2) September 10, 2021
इतना ही नहीं बल्कि पुण्या नाम की यूजर लिखती है कि वह वाहनों का निर्माण नहीं कर रहे थे, लेकिन वाहन से जुड़े हिस्सों का आयात कर रहे थे, जिससे उन्हें 30 प्रतिशत शुल्क का भुगतान करना पड़ रहा था। उनकी लागत बढ़ गई थी, जिससे वह मारुति और हुंडई के साथ प्रतिस्पर्धा नहीं कर पा रहे थे!