तमिल टीवी इंडस्ट्री की जानी-मानी एक्ट्रेस श्रुति नारायणन इन दिनों एक विवाद का सामना कर रही हैं। सोशल मीडिया पर एक 14 मिनट का वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है, जिसकी हर तरफ चर्चा हो रही है। बताया जा रहा है कि यह वीडियो एक प्राइवेट ऑडिशन का है और इसे कास्टिंग काउच से जोड़ा जा रहा है। हालांकि, कुछ लोगों का मानना है कि यह वीडियो डीपफेक भी हो सकता है।
इस वीडियो को सबसे पहले रेडिट पर शेयर किया गया था, जहां से यह एक्स (पहले ट्विटर), इंस्टाग्राम और टेलीग्राम जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर फैल गया। कुछ ही देर में इस वीडियो को हजारों लोगों ने देख लिया। इसे लेकर इंटरनेट पर तरह-तरह की प्रतिक्रियाएं आने लगीं। कोई इस वीडियो को असली बता रहा है तो कोई इसे फर्जी और मॉर्फ्ड मान रहा है।
कौन हैं श्रुति नारायणन?
श्रुति नारायणन तमिल टीवी शो ‘सिरागडिक्का आसाई’ में नजर आ चुकी हैं और इस शो के जरिए उन्होंने दर्शकों के बीच अच्छी पहचान बनाई है। वह इंडस्ट्री में अपनी साधारण छवि और मेहनती स्वभाव के लिए जानी जाती हैं। अब जब उनका नाम ऐसे मामले में आया है तो उनके फैंस हैरान हैं।
वीडियो की प्रामाणिकता पर संदेह
कुछ लोगों का मानना है कि 14 मिनट का यह वीडियो किसी निजी ऑडिशन का हिस्सा हो सकता है। वहीं, कई लोगों ने इसे डीपफेक तकनीक का नतीजा बताया है। आज के समय में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के जरिए किसी भी वीडियो पर चेहरे लगाए जा सकते हैं, जिससे नकली वीडियो बन सकते हैं। ऐसे में यह कहना जल्दबाजी होगी कि वीडियो असली है या नकली।
श्रुति नारायणन ने क्या कदम उठाया?
इस वायरल विवाद के बीच श्रुति नारायणन ने अपना इंस्टाग्राम अकाउंट प्राइवेट कर लिया है। उन्होंने अभी तक इस मुद्दे पर कोई औपचारिक बयान या सफाई नहीं दी है। लेकिन इंटरनेट पर उनकी चुप्पी को लेकर सवाल भी उठ रहे हैं। कुछ लोग इसे तनाव की वजह मान रहे हैं, तो कुछ इसे उनकी निजता की रक्षा करने की कोशिश बता रहे हैं।
फैंस और समर्थकों का समर्थन
इस मुश्किल घड़ी में सोशल मीडिया पर कई लोग श्रुति के समर्थन में सामने आए हैं। उनका कहना है कि जब तक कोई ठोस सबूत न हो, किसी भी कलाकार की छवि खराब करना अन्याय है। लोगों ने #StandWithShruti जैसे हैशटैग के ज़रिए अपना समर्थन जताया है।
पहले भी हो चुके हैं ऐसे मामले
श्रुति नारायणन का मामला पहला नहीं है। इससे पहले त्रिशा कृष्णन और अमला पॉल जैसी अभिनेत्रियाँ भी इसी तरह के विवादों में फंस चुकी हैं, जिनके वीडियो बाद में फ़र्जी साबित हुए थे। इसलिए श्रुति के मामले में भी सावधानी और संवेदनशीलता से काम लेने की ज़रूरत है।