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19 Apr 2025, Sat

EMI में बदलाव, लोन धारकों को मिली राहत, RBI ने उठाया बड़ा कदम..

भारतीय रिज़र्व बैंक ने सभी बैंकों और वित्तीय संस्थानों को निर्देश दिया है कि वे अपने ग्राहकों को उनके आर्थिक हालात के अनुसार लोन चुकाने में अधिक स्वतंत्रता दें। अब ग्राहक अपनी ईएमआई या लोन अवधि में बदलाव कर सकते हैं और अपने अनुसार लोन भुगतान की योजना बना सकते हैं।

EMI में बदलाव: अब और लचीली व्यवस्था

ईएमआई बढ़ाने का विकल्प

अगर आपकी आय में इजाफा हुआ है और आप लोन जल्दी चुकाना चाहते हैं, तो अब आप अपनी ईएमआई की राशि बढ़ा सकते हैं। इससे आपका लोन जल्दी खत्म होगा और ब्याज की भी बचत होगी।

लोन अवधि में बदलाव

अगर आप किसी आर्थिक संकट से गुजर रहे हैं तो लोन की अवधि बढ़ाकर अपनी ईएमआई कम कर सकते हैं। इससे हर महीने का बोझ हल्का होगा और लोन चुकाना आसान हो जाएगा।

यह सुविधा विशेष रूप से उन लोगों के लिए फायदेमंद है जिनकी आय में उतार-चढ़ाव रहता है, जैसे फ्रीलांसर, व्यापारी या कमीशन पर काम करने वाले लोग। अब वे अपनी कमाई के अनुसार लोन भुगतान की योजना बना सकते हैं।

आर्थिक संकट में राहत: समय पर सहायता

कभी-कभी जीवन में अप्रत्याशित घटनाएं हो जाती हैं – नौकरी जाना, गंभीर बीमारी या अन्य आर्थिक संकट। ऐसे समय में EMI चुकाना बेहद कठिन हो जाता है। RBI के नए नियमों के तहत, ऐसे हालात में ग्राहक बैंक से अस्थायी राहत की मांग कर सकते हैं।

अस्थायी ईएमआई में कटौती

गंभीर आर्थिक संकट की स्थिति में ग्राहक बैंक से कुछ समय के लिए EMI घटाने का अनुरोध कर सकते हैं।

लोन पुनर्गठन (Restructuring)

कुछ मामलों में बैंक लोन को पुनर्गठित करने की सुविधा भी दे सकते हैं, जिससे ग्राहक को आर्थिक संतुलन बनाए रखने में मदद मिलती है।

ब्याज में छूट योजनाएँ

कुछ विशेष परिस्थितियों में बैंक सीमित समय के लिए ब्याज में भी छूट प्रदान कर सकते हैं।

ये उपाय न केवल ग्राहकों को तत्काल राहत देंगे, बल्कि डिफॉल्ट की संभावनाओं को भी कम करेंगे, जिससे बैंकिंग सिस्टम और मजबूत होगा।

होम लोन लेने से पहले ध्यान देने योग्य बातें

अगर आप होम लोन लेने की योजना बना रहे हैं तो इन महत्वपूर्ण बातों को ज़रूर ध्यान में रखें:

अपनी वित्तीय क्षमता का मूल्यांकन करें

  • आपकी EMI आपकी मासिक आय का अधिकतम 40% होनी चाहिए।
  • अपनी मासिक आय और खर्चों का विश्लेषण करें।
  • भविष्य की योजनाओं और संभावित खर्चों को ध्यान में रखें।
  • एक आपातकालीन फंड बनाएं, जो संकट के समय EMI चुकाने में मदद करे।

ब्याज दरों की तुलना करें

  • सभी बैंकों की ब्याज दरें एक जैसी नहीं होतीं।
  • विभिन्न बैंकों की दरों की तुलना करें।
  • फिक्स्ड और फ्लोटिंग रेट के बीच चुनाव सोच-समझकर करें।
  • प्रोसेसिंग फीस और अन्य छिपे हुए चार्जेज की जानकारी लें।
  • प्रीपेमेंट और फोरक्लोज़र से जुड़ी शर्तें अच्छी तरह समझें।

क्रेडिट स्कोर का महत्व

  • 750 या उससे ऊपर का स्कोर बेहतर ब्याज दर दिला सकता है।
  • समय पर सभी क्रेडिट कार्ड बिल और EMI चुकाएं।
  • अनावश्यक क्रेडिट न लें और क्रेडिट उपयोग अनुपात 30% से नीचे रखें।

लोन इंश्योरेंस की जरूरत

  • यह आपके परिवार को वित्तीय संकट से बचाता है।
  • आपकी मृत्यु या स्थायी विकलांगता की स्थिति में बीमा कंपनी शेष लोन राशि का भुगतान करती है।
  • इससे आपके परिवार को आर्थिक बोझ नहीं उठाना पड़ेगा।
  • विभिन्न बीमा विकल्पों की तुलना करें और अपनी ज़रूरत के अनुसार उचित योजना चुनें।

नए नियमों का प्रभाव: सबके लिए लाभकारी

ग्राहकों के लिए लाभ

  • आर्थिक लचीलापन: अपनी स्थिति के अनुसार EMI समायोजित करने की सुविधा।
  • तनाव में कमी: संकट की स्थिति में राहत मिलने से मानसिक तनाव घटेगा।
  • बेहतर योजना: अपनी आर्थिक योजना के अनुसार लोन भुगतान की सुविधा।

बैंकिंग सिस्टम के लिए लाभ

  • डिफॉल्ट दर में गिरावट: लचीलापन मिलने से डिफॉल्ट की संभावना कम होगी।
  • बेहतर ग्राहक संबंध: ग्राहक केंद्रित नीतियाँ बैंक की छवि सुधारेंगी।
  • मजबूत बैंकिंग सिस्टम: कुल मिलाकर यह बदलाव बैंकिंग व्यवस्था को और मजबूत बनाएगा।

By Khabar Bharat Tak

Hello friends..., My Name is Ravi Gupta and my Educational Qualification is Bachelor of Arts (B.A) Graduation. And for the last 5 years I have been giving updates on education related schemes and categories like automobile and technology. On this khabarbharattak website also you all will be given updates related to all these categories through articles.

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